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ड्रैगन फ्रूट में मौजूद होते हैं तीन तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स
कटाई के बाद यह नहीं पकेगा इसलिए कटाई के पहले सुनिश्चित करें की यह पूरी तरह से पक गया है। यह फल लगभग दो सप्ताह तक चल सकता है इसे ७ से १० डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान के साथ रखने पर।
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ड्रॅगन फ्रूटमध्ये व्हिटॅमिन सी, व्हिटॅमिन ई आणि अँटिऑक्सिडेंट भरपूर असतात, जे त्वचा आणि केसांसाठी फायदेशीर असतात.
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कीटाणु संरक्षण: ड्रैगन फ्रूट की खेती में कीटाणु संरक्षण बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह फसल को संरक्षित रखता है और संक्रमण से बचाता है।
ड्रैगन फ्रूट में उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो ब्लड शुगर के स्तर को समान्य रखता है। वहीं इसका सेवन डायबिटीज से पीड़ित लोगों में स्पाइक्स को रोकता है।
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ड्रैगन फ्रूट मध्य अमेरिका का मूल फल है. लेकिन वर्तमान में थाईलैंड, वियतनाम, इज़राइल और श्रीलंका में इसकी खेती अधिक मात्रा में की जा रही है. और अब भारत में भी इसकी खेती की जाने लगी है. ड्रैगन फ्रूट का खाने में इस्तेमाल किया जाता है.
और आखिरी में पौधे की सभी शाखाओं को ऊपर वाले गोल घेरे के अंदर से निकालकर बहार चारों तरफ लटका दिया जाता है.
ड्रॅगन फ्रूट हे एक चवदार आणि पोषक घटकानी समृद्ध असे फळ आहे. हे फळ दक्षिण आणि मध्य अमेरिका, मेक्सिको आणि युरोपीय देशांमध्ये येते.
इसे फ्रूट चाट में मिलाकर भी खा सकते है। कुछ तरह के फ्रूट्स की चाट बना लें और उसमें ड्रैगन फ्रूट के टुकड़े भी डालें।